tag:blogger.com,1999:blog-5827734990056969081.post2421983002095375332..comments2013-09-20T02:32:14.220-07:00Comments on वल्लरी: स्त्री अस्मिता के खिलाफ बाजार की बर्बर "फेयर एंड लवली" हिंसावल्लरीhttp://www.blogger.com/profile/15177148431066670204noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5827734990056969081.post-80814171041785872352012-08-29T00:31:27.511-07:002012-08-29T00:31:27.511-07:00मानसिकता वाली आपकी बात सही है लेकिन बाजार अपना फाय...मानसिकता वाली आपकी बात सही है लेकिन बाजार अपना फायदा देखता है ये नही कि स्त्री आन्दोलनो में क्या चल रहा है इससे उसे कोई मतलब नही जब बच्चों को ही बाजार नहीं छोडता तो महिलाओं की परवाह क्यों करेगा।कुछ समय पहले फीमेल वियाग्रा भी बाजार मे उतारने की कोशिश की गई थी जिसका काफी विरोध महिलाओं ने किया था बस यूँ ही जागरूक रहने की जरूरत है।अच्छा लेख है।राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5827734990056969081.post-71722537676369489692012-08-28T10:19:57.639-07:002012-08-28T10:19:57.639-07:00आज की अख़बार में इस बारे में खबर पढ़ी विज्ञापन तो न...आज की अख़बार में इस बारे में खबर पढ़ी विज्ञापन तो नहीं देखा है अभी तक , बाजार से क्या उम्मीद करे उसने तो काफी पहले ही स्त्री को बस उपभोग की वस्तु बना कर रख दिया है पुरुषो के लिए बनाये जा रहे उत्पादों में स्त्रियों को बस उपभोग की वस्तु ही बना कर पेश किया जाता है और स्त्रियों के लिए इस तरह के उत्पाद बनाये जा रहे है की वो बस उपभोग की वास्तु ही बन कर रहे | आप की इस बात का समर्थन करती हूं की इस तरह के विज्ञापनों के लिए कड़ा कानून बनाना चाहिए और इन पर जुर्माना भी लगाना चाहिए | कुछ समय पहले पढ़ा था की जूलिया जैसी हालीवुड की बड़ी अभिनेत्री वाले एक विज्ञापन को भी बैन किया गया था और भ्रामक विज्ञापन के लिए बड़ा जुर्माना भी लगाया गया था , जबकि भारत में इसी तरह के कई मामले में मात्र चेतावनी दे कर विज्ञापन बंद कर दिया गया था जब तक इस पर क़ानूनी रूप से कोई कार्यवाही नहीं होगी इस तरह के विज्ञापन और उत्पाद दोनों ही बाजार में आते रहेंगे | anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.com